जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं

हिल व्यू सोसाईटी झाडमाजरी भागवत कथा के रंग में रंगी


आचार्य जगमोहन दत्त शास्त्री ने की प्रवचनों की अमृत वर्षा


सदकर्म करके ही मनुष्य अपना जीवन सफल बना सकता है

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बददीसचिन बैंसल: हिल व्यू आवासीय सोसाइटी झाडमाजरी में श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है जिसमें आचार्य जगमोहन दत्त शास्त्री अपने प्रवचनों की अमृत वर्षा कर रहे हैं। कथा 29 जून तक चलेगी और भंडारा रोजाना कथा के बाद किया जा रहा है। आयोजक मंगेश जालान, सजल जोहर, रवि हिसारिया, कपिल पाहुजा व मनीष भारद्वाज ने बताया कि कथा का समय रोज शाम 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक रखा गया है। वहीं प्रवचन करते हुए कहा कि अहंकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। किसी भी व्यक्ति को अपने पद, प्रतिष्ठा, ज्ञान व दौलत का अहंकार नहीं करना चाहिए, अहंकार बुद्धि और ज्ञान का हरण कर लेता है। अहंकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु माना जाता है। 

बुधवार को उन्होने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया। प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। उन्होंने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। शास्त्री ने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। 

जैसे ही कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ पूरा पंडाल जयकारों से गूंजने लगा। इस कार्यक्रम में हिल व्यू सोसाईटी के अध्यक्ष महेंद्र टंडन, दीप कुमार, आर्य, वासू जमवाल, पार्षद कुलदीप सिंह, डा श्रीकांत शर्मा, कुलवीर आर्य, सूरज भान बंसल, गुरदेव संडोली, मनु शर्मा, महेश कौशल, सुनील शर्मा व कालिदास शर्मा सहित सैंकडों भक्तजन उपस्थित थे।

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