मोगाः पंजाब वासियों को सेहत सुविधा देने का बड़ा बड़ा दावा करने वाले सरकारी अस्पताल की बड़ी पोल खुलकर सामने आई है। यह पोल उस समय खुली जब मोगा के जीटी रोड बिजली घर के पास एक मोटर साइकल की पैदल जा रहे युवक के साथ टक्कर हो गई और पैदल जा रहे युवक को काफी चोट लगी। इस दौरान युवक अवतार सिंह को मोगा की समाज सेवा सोसाइटी सरकारी अस्पताल लेकर आई। जहां एमरजेंसी में जब मरीज को लाया गया। हादसे में मरीज की टांग टूटी हुई थी।
सोसायटी का आरोप है कि पहले तो स्टाफ की बहुत कमी थी और फिर बाद में मरीज के इलाज के लिए न तो कोई दर्द निवारक टीका था और न ही गाज पट्टी और न ही स्प्रिट थी। मरीज के साथ कोई अटेंड्स भी नही था। समाज सेवा सोसाइटी की ओर से बाजार केमिस्ट की दुकान से सामान मंगवाया गया और फिर स्टाफ की कमी के कारण एक्सीडेंट केस के मरीज को अस्पताल की एमरजेंसी में समाज सेवा सोसाइटी के चेयरमैन गुरसेवक सिंह संन्यासी द्वारा खुद टांग को सीधा करने के लिए गाज की पट्टी अपनी जेब से मंगवाकर लगाई गई।
इस मामले के दौरान एमरजेंसी विभाग के डाक्टर कुलदीप कुमार वार्ड में तैनात थे। कहा जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने भी माना कि एमरजेंसी में दर्द निवारक टीके 50 ही मिले थे और वह खत्म हो गए। वहीं गाज पट्टी और स्प्रिट भी मौजूद नहीं है। उनका कहना है कि सभी मेडिसन के आर्डर दिए हुए है। उन्होंने माना कि स्टाफ की भी कमी है और उनके पास एक्सीडेंट के तीन केस आए हुए है।
वहीं समाज सेवा सोसाइटी के गुरसेवक सिंह संन्यासी ने बताया कि एक एक्सीडेंट केस वह एमरजेंसी में मोगा के सरकारी अस्पताल में लाए थे। जहां पर स्टाफ की कमी की तो अलग बात है, यहां पर मरीज को लगाने के स्प्रिट, दर्द निवारक टीके और गाज पट्टी भी मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा कि हम सारा सामान अपनी जेब से पैसे लगाकर बाजार से खरीदकर लाए है। उन्होंने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है। उनका आरोप है किकई बार तो यहां पर ग्लबज तक नहीं होते और वह भी हमने कई बार अपनी एंबुलेंस से निकाल कर एमरजेंसी में इनको दिए हुए है। उन्होंने अपील की है कि सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
दूसरी और मरीज अवतार सिंह ने कहा कि मेरा सड़क पार करते समय एक्सीडेंट हो गया। उन्होंने कहा कि बाइक सवार व्यक्ति के भी चोट लगी है और मेरे साथ कोई ईलाज के लिए यहां पर कोई नहीं है। ऐसे में समाज सेवा सोसाइटी वाले मुझे अस्पताल में उपचार के लिए लेकर आए, लेकिन यहां पर कोई सामान नहीं था। पीड़ित ने कहा कि सोसायटी वालों ने अपनी जेब से पैसे खर्च कर सारा सामान मंगवाया।
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