अमृतसरः श्री दरबार साहिब पर हुए हमले की याद में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से घंटा घर पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि जून 1984 में सचखंड श्री हरमंदिर साहिब और श्री अकाल तख्त साहिब पर सैन्य हमले से पहले पंजाबी राज्य के मोर्चे को दबाने के लिए इस पवित्र स्थान पर भी हमला किया गया था। यह हमला 3 और 4 जुलाई 1955 की मध्यरात्रि को किया गया था। इस बीच सरकार ने श्री दरबार साहिब पर बड़ी संख्या में पुलिस भेज दी थी। उन्होंने कहा कि सरकार लंबे समय से सिखों के साथ भेदभाव कर रही है और बंदी सिंहों की रिहाई को लेकर कोई भी फैसला नहीं कर रही।
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