Punjab: जमीनी विवाद को लेकर डेरा प्रबंधकों और SGPC में हुई खूनी झड़प

Punjab: जमीनी विवाद को लेकर डेरा प्रबंधकों और SGPC में हुई खूनी झड़प Punjab: जमीनी विवाद को लेकर डेरा प्रबंधकों और SGPC में हुई खूनी झड़प

लुधियानाः पुलिस जिला खन्ना के थाना दोराहा के गांव बिलासपुर में जमीन विवाद में एसजीपीसी और डेरा महंत प्रबंधकों के बीच खूनी झड़प होने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि झगड़े के दौरान तलवारें व पत्थर चलाए गए। आरोप है कि एसजीपीसी की टीम पर पेट्रोल बमों से भी हमला किया गया। 20 एकड़ जमीन को लेकर डेरा सर्मथकों और एसजीपीसी में विवाद है। इसी का कब्जा लेने एसजीपीसी की टीम आई थी। इस झड़प में दोनों पक्षों के 12 लोग घायल हो गए। घायलों में एसजीपीसी के अतिरिक्त सचिव विजय सिंह समेत कई कर्मी शामिल हैं। घायलों को पायल के सिविल अस्पताल में दाखिल कराया गया है।

घायलों का हाल जानने के लिए एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी सिविल अस्पताल पायल पहुंचे। उन्होंने डीएसपी पायल से मामले में उचित कार्रवाई की मांग की। जानकारी के अनुसार दोराहा के बिलासपुर में 20 एकड़ से ज्यादा जमीन है। डेरा महंत प्रबंधक इसे अपनी जमीन बता रहे हैं और एसजीपीसी इसे गुरु घर की जमीन होने का दावा कर रही है। इसे लेकर हाई कोर्ट में केस भी चल रहा है। मंगलवार को एसजीपीसी के अतिरिक्त सचिव विजय सिंह अपनी टीम और कर्मचारियों समेत जमीन पर कब्जा लेने आए। उन्होंने ट्रैक्टर चलाना शुरू किया तो सामने से डेरा प्रबंधक और उनके समर्थक भी आ पहुंचे। इसके बाद दोनों पक्ष भिड़ गए।

उधर, पायल के डीएसपी निखिल गर्ग ने बताया कि दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं, जिनके आधार पर बनती कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। किसी भी तरह का पक्षपात नहीं किया जाएगा। हमले में घायल हुए एसजीपीसी के अतिरिक्त सचिव विजय सिंह ने कहा कि जमीन गुरु घर की है। ऐसे में कब्जे की बात कैसे कही जा सकती है? वे अपनी जमीन में ट्रैक्टर चलाने आए थे। वहां पहले से तैयार कुछ लोगों ने तलवारों से हमला कर दिया। उनके ऊपर पेट्रोल बम फेंके गए। एसजीपीसी के कई सेवादार घायल हुए हैं। कुछ को गंभीर चोटें भी लगी हैं। मुश्किल से उन लोगों की जान बची है। पुलिस मामले में कार्रवाई करे।

डेरे के सेवादार करणदीप ने आरोप लगाया कि एसजीपीसी की तरफ से जमीन पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की गई। जमीन करीब दो सौ साल पहले राजशाही परिवार ने उनके बुजुर्गों को दान में दी थी। इसे लेकर काफी समय से हाई कोर्ट में केस चल रहा है। अदालत ने एसजीपीसी को कब्जा करने के आदेश जारी नहीं किए हैं। एसजीपीसी वाले हथियार और ट्रैक्टर लेकर जबरदस्ती जमीन में घुसे। विरोध करने पर उन पर हमला किया गया। गांव बिलासपुर में एसजीपीसी सदस्यों और डेरा प्रबंधकों में हुई खूनी झड़प के बाद एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने प्रेस कांफ्रेंस में बड़ी साजिश की आशंका जताते हुए कहा कि हमलावरों ने पेट्रोल बम उठा रखे थे। एसजीपीसी कर्मियों को जिंदा जलाने की साजिश रची गई थी।

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