सरकार खुदरो दरखतान में किसानों को दिलाये उनका हक : कंवर

एक वर्ष के अंदर मैनेजमेंट प्लान नहीं बना तो होगा उग्र आंदोलन: कंवर
ऊना/सुशील पंडित : प्रदेश भाजपा वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व कृषि मंत्री ने “खुदरो दरखतान मलकियत सरकार” के मामले को उठाते हुए कहा है कि यदि सरकार एक वर्ष के भीतर किसानों का हक दिलाने में नाकाम रही तो प्रदेशभर में आंदोलन किया जाएगा।
शनिवार को एक पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए भाजपा उपाध्यक्ष वीरेंद्र कंवर ने जल्द से जल्द मैनेजमेंट प्लान बनाकर खुदरो दरखतान भूमि में खैर व चीड़ के पेड़ों का मालिकाना हक किसानों को दिलवाने के लिए प्रदेश सरकार को चेताया है।
गौरतलब है कि वर्ष 1913-19 के दौरान वनों की बढ़ोतरी के लिए ‘खुदरो दरखतान मलकियत सरकार’ भूमि प्रथम बार रिकार्ड में दर्ज हुई थी। इस प्रकार की भूमि में भूमालिक को पेड़ों के कटान का अधिकार नहीं था और सरकार द्वारा ही इस भूमि पर पेड़ काटे जा सकते हैं। इस प्रकार की भूमि प्रदेश के कांगड़ा, पालमपुर, नूरपुर, देहरा, हमीरपुर व ऊना वन मण्डलों में दर्ज है। वर्ष 1968 में किसानों द्वारा इस राजस्व एंट्री को खत्म करने की मांग उठाई गई थी। 1999 में पूर्व मुख्यमंत्री प्रो प्रेम कुमार धूमल की सरकार ने इस प्रकार की भूमि के पेड़ों का मालिकाना हक भूमालिकों को दिया था जो 2012 तक चलता रहा। वर्ष 2013 में भारत सरकार की एक कमेटी ने खुदरो दरखतान भूमि में फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट 1980 लागू करने की शिफारिश की थी जिसके उपरांत भारत सरकार ने वर्किंग प्लान के अधीन न आने वाली भूमि के लिए मैनेजमेंट प्लान बनाने के निर्देश दिए थे। मैनेजमेंट प्लान के तहत ही पेडों का कटान इस प्रकार की भूमि पर किया जाना था जिसका सीधा लाभ भू-मालिक किसानों को मिलता।
कंवर ने कहा कि सरकार द्वारा मैनजमेंट प्लान तैयार न किये जाने से किसानों को नुकसान हो रहा है।  उन्होंने कहा कि इस मैनेजमेंट प्लान के बनने से 32000 हेक्टेयर से प्रतिवर्ष औसतन तीन लाख वृक्ष किसानों को उपलब्ध होंगे जिनका बाज़ार मूल्य लगभग 300 करोड़ रुपये है। उन्होंने आरोप लगाया कि मैनेजमेंट प्लान तैयार न करके सरकार हरवर्ष किसानों के हक के 300 करोड़ का नुकसान कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि यह हक किसानों को मिलेगा तो खैर माफिया भी ख़त्म होगा व भूमालिक किसान वनों के संरक्षण में भी अपना योगदान देंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द ही इस मामले में विभाग को उचित निर्देश देकर मैनेजमेंट प्लान तैयार करवाना चाहिए जिससे किसानों को राहत मिल सके। वीरेंद्र कंवर ने कहा है कि किसानों के हक की लड़ाई के लिए भाजपा हर स्तर पर संघर्ष करेगी और चेतावनी दी है कि यदि सरकार एक वर्ष के भीतर इस ओर कोई कदम नहीं उठाती तो सरकार के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
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