निजी अस्पताल का डायलिसिस केंद्र भी बंद, कहां जाएं मरीज़

निजी अस्पताल का डायलिसिस केंद्र भी बंद, कहां जाएं मरीज़ निजी अस्पताल का डायलिसिस केंद्र भी बंद, कहां जाएं मरीज़
ऊना/ सुशील पंडित : ऊना जिला के क्षेत्रीय अस्पताल का डायलिसिस सेंटर बंद होने के 2 महीने बाद निजी स्वास्थ्य संस्थान का डायलिसिस सेंटर भी बंद हो गया है। जिसके चलते डायलिसिस करवाने के लिए आने वाले दर्जनों मरीजों को मुश्किल पेश आ रही है। दूसरी तरफ मामला सामने आने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के भी हाथ पैर फूलते नजर आ रहे हैं। दरअसल निजी स्वास्थ्य संस्थान में चल रहे डायलिसिस सेंटर के कर्मचारी केंद्र को ताला लगाकर चलते बने। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देश पर निजी स्वास्थ्य संस्थान के कर्मचारी आनन-फानन में पंजाब से डायलिसिस सेंटर चलाने के लिए नए कर्मचारी लाने की बात कर रहे हैं। लेकिन 2 महीने से सरकारी अस्पताल का डायलिसिस सेंटर नहीं चल पाना स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।

डायलिसिस करवाने वाले रोगियों का आरोप है कि क्षेत्रीय अस्पताल में डायलिसिस करने वाली निजी कंपनी के साथ स्वास्थ्य विभाग का करार खत्म होने पर एक नई फर्म के साथ अनुबंध किया। लेकिन नई फर्म ने डायलिसिस सेंटर के रैनोवेशन के नाम पर समय मांगा जिसके चलते यहां पर डायलिसिस करवाने वाले मरीजों की व्यवस्था पास के ही दो निजी डायलिसिस केंद्रों में कर दी। रीजनल अस्पताल में डायलिसिस करवाने वाले रोगियों का आरोप है कि निजी स्वास्थ्य संस्थान में उन्हें मनमर्जी के मुताबिक डायलिसिस के लिए बुलाया जाता था। कभी रात को 10:00 बजे तो कभी रात को 3:00 बजे भी उन्हें डायलिसिस करवाने के लिए बुलाया जाता रहा है। मरीजों का कहना है कि वह इसके बावजूद अपने उपचार की मजबूरी में निजी डायलिसिस सेंटर की हर शर्त को मानते आए।

मरीजों ने बताया कि सोमवार शाम को ही निजी स्वास्थ्य संस्थान के डायलिसिस सेंटर से उन्हें टेलीफोन करके मंगलवार सुबह डायलिसिस करवाने को बुलाया गया था। लेकिन जब वह पहुंचे तो केंद्र पर ताला लटकता हुआ मिला। वह दूर दराज क्षेत्रों से डायलिसिस करवाने के लिए ऊना पहुंच रहे हैं। डायलिसिस करवाने के लिए चिंतपूर्णी, कांगड़ा के जसवां कोटला और नैहरियां जैसे दूर दराज के क्षेत्रों से पहुंचे मरीजों ने बताया कि 2 महीने से उनके डायलिसिस जरूरत के हिसाब से नहीं हो रहे।

मरीजों ने स्वास्थ्य विभाग से गुहार लगाई है कि जिसके दो डायलिसिस हो रहे थे उसे महज एक बार डायलिसिस की सुविधा हफ्ते भर में मिल रही है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से गुहार लगाई के इस अव्यवस्था को जल्दी खत्म करते हुए मरीजों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराया जाए। क्षेत्रीय अस्पताल ऊना के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय मनकोटिया ने बताया कि मामला विभाग के ध्यान में लाया गया है जिससे उच्च अधिकारियों को भी अवगत करवा दिया गया है। डायलिसिस की व्यवस्था देखने वाली संस्था को तुरंत प्रभाव से टेक्नीशियन का प्रबंध करते हुए मरीज के डायलिसिस सुचारु करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग रोगियों के स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है।

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