पटनाः नीट पेपर लीक मामले में जिस शख्स की तलाश सीबीआई को सबसे ज्यादा थी। आखिरकार उस आरोपी रॉकी को झारखंड से गिरफ्तार कर लिया है। जिसे आज पटना कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने सीबीआई को रॉकी की 10 दिनों की रिमांड दी है। इससे पहले रॉकी के भारत छोड़ नेपाल भागने की खबर थी। जिसे आज सीबीआई ने आज धर दबोचा है। दरअसल रॉकी ही वो कड़ी है। जिसकी मदद से मुख्य सेटर तक सीबीआई पहुंच सकती है। जिसकी भूमिका प्रश्न-पत्र को आउट कराने में सबसे अहम है।
रॉकी मूलरूप से बिहार के नवादा का रहने वाला है। उसका वास्तविक नाम राकेश है। पिछले कुछ सालों से वह झारखंड की राजधानी रांची में रहकर रेस्टोरेंट चलाता है।सीबीआई टीम ने चार मुख्य आरोपियों चिंटू, मुकेश, मनीष और आशुतोष को 7 दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ की। जिसमें रॉकी से जुड़े कई सवाल पूछे गए थे बताया जा रहा है कि रॉकी ने ही नीट का पेपर लीक होने के बाद उसे हल कराकर चिंटू के मोबाइल पर भेजा था। चिंटू से खासतौर से रॉकी के बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है। चिंटू से एक और संजीव मुखिया को लेकर भी जानकारी ली जा रही है। क्योंकि वह संजीव की भांजी का पति है। संजीव के नेपाल भागने की सूचना मिल रही है।
वहीं आरोपी मनीष और आशुतोष ने ही पटना के खेमनीचक स्थित निजी स्कूल में करीब 35 छात्रों के नीट का पेपर रटवाने का इंतजाम किया था। यह सब चिंटू के अलावा किसके कहने पर किया गया था, चिंटू के साथ और कौन लोग इसमें शामिल हैं, इसकी जानकारी इनसे ली जा रही है। इस तरह के कई सवालों के जवाब सीबीआई तलाश रही है। नीट पेपर लीक मामले में मंगलवार को सीबीआई ने पटना से दो और आरोपियों सनी कुमार और रंजीत कुमार को गिरफ्तार था। सनी नालंदा का रहने वाला है। जबकि रंजीत गया का रहने वाला है। रंजीत ने अपने बेटे की नीट परीक्षा में सेटिंग कराई थी। हालांकि अभी तक उसके बेटे क गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इससे पहले सीबीआई ने बिहार से पहली गिरफ्तारी मनीष प्रकाश और आशुतोष कुमार के रूप में की थी।
दोनों ने नीट पेपर लीक में सेटर की भूमिका निभाई थी। और पटना के लर्न एंड प्ले स्कूल में नीट परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र रटवाए गए थे। सीबीआई ने उनके पास से मिले दो मोबाइल फोन को भी जब्त किए हैं। मनीष और आशुतोष पर नीट परीक्षा के पहले 4 और 5 जून को अभ्यर्थियों को पटना के प्ले लर्न स्कूल में ठहराने का आरोप है।
नीट पेपर लीक मामले के मास्टर माइंड, पैसे के लेनदेन, अभ्यर्थियों की सही संख्या, फरार संजीव मुखिया, पेपर के लिए निर्धारित पैसे सहित अन्य जानकारियों के बारे में पूछताछ की जा रही है।आपको बता दें बिहार में नीट पेपर लीक की जांच पहले आर्थिक अपराध शाखा कर रही थी। जिसके बाद इसे सीबीआई को हैंडओवर कर दिया था। इस मामले में अब तक सीबीआई 6 से ज्यादा लोगों को आरोपी बना चुकी है।
Disclaimer: All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read carefully and Encounter India will not be responsible for any issue.