ऊना में 1.53 लाख बच्चों को दी जाएगी अल्बेंडाजोल की खुराक

ऊना में 1.53 लाख बच्चों को दी जाएगी अल्बेंडाजोल की खुराक ऊना में 1.53 लाख बच्चों को दी जाएगी अल्बेंडाजोल की खुराक

ऊनासुशील पंडित: ऊना जिला में 19 साल की उम्र तक के 1 लाख 53 हजार 544 बच्चों व किशोरों को 9 अगस्त को पेट के कीड़े मारने की दवा (अल्बेंडाजोल) की खुराक खिलाई जाएगी। इनमें 5 साल तक की उम्र के 41 हजार 358 बच्चों को अल्बेंडाजोल के साथ विटामिन-ए की खुराक भी दी जाएगी। यह जानकारी उपायुक्त जतिन लाल ने सोमवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत आयोजित जिला टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि 9 अगस्त को दवा से छूटे बच्चों को 16 अगस्त को यह खुराक दी जाएगी ।

उन्होंने बताया कि जिले के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 6 से 19 साल तक और आंगनवाड़ी स्कूलों में 1 से 5 साल के बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवाई खिलाई जाएगी ।

राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम और स्कूल स्वास्थ्य व कल्याण कार्यक्रम के कार्यान्वयन की समीक्षा
इसके अलावा उपायुक्त ने जिले में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम और स्कूल स्वास्थ्य और कल्याण कार्यक्रम के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक भी ली। उन्होंने कहा कि बच्चों के समग्र स्वास्थ्य और पोषण को समर्पित इन कार्यक्रमों को सफल बनाने में शिक्षा विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने स्वास्थ्य तथा शिक्षा विभाग में मजबूत आपसी तालमेल पर जोर देते रिपोर्टिंग प्रणाली को बेहतर बनाने को कहा। उन्होंने शिक्षा विभाग को खंड स्तर पर स्कूली बच्चों के लिए प्राप्त पोषक व स्वास्थ्य देखभाल संबंधी दवाओं की सप्लाई की खपत की सटीक व समयबद्ध रिपोर्टिंग तय बनाने के निर्देश दिए।

बता दें, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम 10-19 वर्ष की आयु वर्ग के किशोरों के स्वास्थ्य देखभाल के अलावा पोषण, प्रजनन स्वास्थ्य और मादक द्रव्यों के सेवन से सुरक्षा को लेकर समर्पित है। इसके तहत किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य, पोषण, गैर-संचारी रोग, लिंग आधारित हिंसा और मादक पदार्थों के सेवन की रोकथाम पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। वहीं, स्कूल स्वास्थ्य और कल्याण कार्यक्रम स्कूलों में बच्चों को स्वास्थ्य और पोषण पर केंद्रित है।

इसमें कुपोषित और एनीमिया से पीड़ित बच्चों की पहचान करना तथा बच्चों व किशोरों में रोगों का जल्द पता लगाना, उनका इलाज करना, स्कूलों में सुरक्षित पेयजल के उपयोग को बढ़ावा देना और योग तथा ध्यान को बढ़ावा देने के प्रयास सम्मिलित हैं। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.के वर्मा, एमओएच डॉ सुखदीप सिंह सिद्धू, डॉ. रिचा कलिया, जिला कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस नरेंद्र कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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