सासंद में शायरी अंदाज में बोले Akhilesh, कहा- ‘होई वही जो राम रची राखा’, फिर छेड़े EVM के तार

नई दिल्लीः समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को सत्तारूढ़ NDA पर जमकर निशाना साधा। लोकसभा में कार्यवाही के दौरान इसे ‘गिरने वाली सरकार’ करार दे दिया। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के अयोध्या का नाम लिए बगैर भारतीय जनता पार्टी पर ‘लूट’ के आरोप लगाए हैं। साथ ही उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर भी सरकार से सवाल पूछे हैं। हालांकि इसी बीच अखिलेश ने ईवीएम पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। अखिलेश का कहना है कि उन्हें आज भी ईवीएम पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। अगर वो उत्तर प्रदेश की 80 में से 80 सीटें भी जीत जाएंगे तब भी ईवीएम पर विश्वास नहीं करेंगे।

अखिलेश यादव ने कहा कि मैंने अपने चुनाव में कहा था कि ईवीएम से जीतकर ईवीएम हटाने का काम करेगें। ईवीएम का मुद्दा ना मरा है और नहीं खत्म होगा। हम समाजवादी लोग ईवीएम के मुद्दे पर अडग रहेंगे। यादव ने कहा, ‘दरबार तो लगा है मगर बड़ा गमगीन बेनूर है। पहली बार ऐसा लग रहा है कि हारी हुई सरकार विराजमान है। जनता कह रही है कि चलने वाली नहीं है सरकार। ये गिरने वाली सरकार है। ऊपर से जुड़ा तार नहीं, नीचे आधार नहीं, अधर में अटकी हुई कोई सरकार नहीं। दरअसल, पूरा इंडिया समझ गया है कि इंडिया ही प्रो इंडिया है। इस चुनाव में इंडिया की नैतिक जीत हुई है।’ कन्नौज सांसद ने नाम लिए बगैर अयोध्या का जिक्र किया।

उन्होंने कहा, ‘जहां विकास के नाम पर खरबों रुपये की लूट का राज खोलते गड्ढे प्रदेश का नाम खराब कर रहे हैं। वहीं, पहली बारिश में ही टपकती हुई छत और गिर चुके स्टेशन की दीवार बेइमानी की निशानी बन गई है।’ यादव ने यूपी की फैजाबाद सीट पर जीत को लेकर भी भाजपा पर तंज कसा। उन्होंने कहा, ‘अयोध्या की जीत भारत के परिपक्व मतदाता के लोकतांत्रिक समझ की जीत है। हम तो यही सुनते आए हैं होई वही जो राम रची राखा। ये है उसका फैसला, जिसकी लाठी में नहीं होती आवाज।

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जो करते थे किसी को लाने का दावा, वो खुद हैं किसी के सहारे के लाचार। मैं फिर कहना चाहता हूं कि होई वही जो राम रची राखा।’ उन्होंने कहा, ‘हम अयोध्या से लाए हैं उनके प्रेम का पैगाम, जो सच्चे मन से करते हैं सबका कल्याण। सदियों में जन जन गाता है जिनके गान, अभयदान देती जिनकी मंद मंद मुस्कान। मानवता के लिए उठता जिनका तीर कमान, जो असत्य पर सत्य की जीत का है नाम। उफनती नदी पर जो बांधे मर्यादा के राम, वो हैं अवध के राजा मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम।’

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