क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में बंद पड़े अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन  शुरू न करने पर आम आदमी पार्टी करेगी विरोध: ईशान औहरी

क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में बंद पड़े अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन  शुरू न करने पर आम आदमी पार्टी करेगी विरोध: ईशान औहरी क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में बंद पड़े अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन  शुरू न करने पर आम आदमी पार्टी करेगी विरोध: ईशान औहरी

ऊना/सुशील पंडित: आम आदमी पार्टी ऊना विधानसभा के युवा नेता ईशान ओहरी ने क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं पर नाराजगी जाहिर की है। मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं के टोटे को लेकर उन्होंने प्रदेश सरकार को  जिम्मेदार ठहराया व जल्द से जल्द इन सुविधाओं को बहाल करने की मांग को लेकर सीएमओ डा मंजू बहल से मुलाकात भी की।

ईशान ओहरी ने मांग की है कि अगर आने वाले दिनों में क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में बंद पड़े अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन को शुरू न किया गया तो आम आदमी पार्टी इसके विरोध में रोष प्रदर्शन से गुरेज नहीं करेगी। इस दौरान उन्होंने सीएमओ से रक्त की जरूरत पड़ने पर  निजी अस्पतालों में ब्लड लेकर जाने के लिए ली जाने वाली फीस को कम करने की मांग भी की।

सीएमओ मंजू बहल ने उनकी मांगों को ध्यानपूर्वक सुना और आगामी दिनों में इस संबंध में उचित समाधान का आश्वासन भी दिया। ईशान ओहरी ने बताया कि यहां ऊना विधानसभा की जनता बड़े सरकारी क्षेत्रीय अस्पताल ऊना पर निर्भर है वहीं जिला भर सहित आसपास के अन्य जिलों और पंजाब के क्षेत्र के विभिन्न गांवों के लोग भी यहां स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन पिछले काफी समय से इस बड़े अस्पताल में सरकार की अनदेखी के चलते स्वास्थ्य सुविधाओं में बड़ा टोटा पैदा हो गया है।

अस्पताल में वर्ष 2019 से अल्ट्रासाउंड मशीन बंद पड़ी है। लाखों की मशीन सुविधा न बनकर जंग खा रही है, मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए प्रतिदिन निजी स्तर और लैब्स के धक्के खाने पड़ते हैं और महंगे रेट्स पर अल्ट्रासाउंड कराने पड़ रहे हैं। विडम्बना है कि लंबे समय से सराकर अल्ट्रासाउंड करने वाले विशेषज्ञ का पद भर नहीं पाई है। बीते कई दिन से सीटी स्कैन की मशीन भी बंद पड़ी है।

सड़क हादसों में आने वाले मरीजों और अन्य मरीजों को बड़ी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। आखिर स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ बताने वाली सरकार सच्चाई को जनता से क्यों छिपा रही है। जनता बेहाल है। और तो और जिंदगी और मौत से जूझ रहे मरीजों को रक्त की जरूरत पड़ने पर यहां अस्पताल से निजी स्तर पर रक्त लेकर जाने के लिए 1450 रुपये अदा करने पड़ते हैं क्या यह मजाक नहीं है, इस फीस को इतना ज्यादा रखना जरूरत के समय मरीज पर आर्थिक बोझ डालने जैसा है।

पंजाब में इस प्रकार की फीस यहां साढ़े सात सौ रुपये के करीब है तो अन्य कई राज्यों में भी यह 1000 रुपये से ज्यादा नहीं है। लेकिन प्रदेश सरकार के जन विरोधी फरमान उन्हें राहत देने की बजाए मर्ज को और बढ़ा रहे हैं। जिसको आम आदमी पार्टी कतई सहन नहीं करेगी। आने वाले दस दिन में अगर अस्पताल में इन सुविधाओं को बहाल न किया गया तो आम आदमी पार्टी जनहित के लिए अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल विरोध प्रदर्शन करेगी।  अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ, प्रबंधन सहित सरकार के दावों की पोल खोली जाएगी।

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