जालंधर (Ens) : देशभर में कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती हमारे उन जांबाजों को समर्पित है, जिन्होंने पाक सैनिकों के छक्के छुड़ाते हुए कारगिल की ऊंची चोटियों को दुश्मन से आजाद करवाया था। वही इस दिवस पर 12 वर्षीय आरव भारद्वाज ने अपने दादा से प्रेरित होकर इस दिवस पर कारगिल से साइकिल यात्रा शुरू की। स्क्वायड टीम के साथ हरियाणा के रोहतक में रहने वाले आरव साइकिल यात्रा के दौरान आज जालंधर पहुंचा।
Arav’s Bicycle Route Itinerary with Route Map
इसके बाद अब वह दिल्ली के लिए करवाना होगा। वही मामले की जानकारी देते हुए आरव ने बताया कि वह अभी तक 700 से अधिक किलोमीटर तक सफर तय कर चुका है। आरव ने बताया कि इस यात्रा के दौरान उसे कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ा। अब ने बताया कि पहले दिन ऊंचे ऊंचे पहाड़ थे और नीचे काफी गहरी में खाई थी। इस दौरान ढलान पर विवेक काफी ध्यान से साइकिल चलाकर आया। इस दौरान उसकी सांसे भी फूलने लग गई थी।
आरव ने बताया कि यात्रा के दौरान कई जगह पर बारिश हो रही थी। इस यात्रा को लेकर आरव ने कहा कि वह शहीद हुए अपने उन जवानों को यात्रा के जरिए श्रद्धांजलि भेंट करना चाहता है। अब ने बताया कि वे बचपन से ही अपने दादा के पास रहता था। इस दौरान वह उसे फ्रीडम फाइटर की कहानी सुनाते थे, जिससे वह काफी प्रेरित हुआ। इस यात्रा की शुरुआत से पहले उसने काफी प्रेक्टिस की। आरव ने बताया कि स्कूल से आकर वह एक से दो घंटे साइकलिंग करता था।
वहीं आरव को लेकर अतुल भारद्वाज ने बताया कि ऐसे 2 साल पहले साइकिल यात्रा कर चुका हैं। जोकि वह यात्रा 2612 किलोमीटर की थी, जिसे 32 दिनों में खत्म किया था। उसके बाद अब 26 जुलाई को कारगिल से दोबारा साइकिल यात्रा शुरू की। वहीं आरव के दादा ने बताया कि वह बचपन से ही उनके साथ रहता था। उन्होंने बताया कि जब 3 से साढ़े तीन साल का था तो बद्रीनाथ तक उनके साथ की यात्रा करके आया था।
उसके बाद में उसे फ्रीडम फाइटर की कहानी सुनाते रहते थे जिसे वह काफी प्रेरित हुआ। उन्होंने कहा कि वह अब के लिए कुछ महावीर पुरुषों की ओर धार्मिक किताबें पढ़ने के लिए उसके लिए लेकर आते थे। उन्होंने कहा कि शुरू से ही उन्होंने आरव का झुकाव इधर की ओर देखा था। मानकव्य चैनल के जरिए साइकिल यात्रा देखता था और उसके बारे में जिक्र करता रहता था। उन्होंने कहा कि 2022 को नेताजी का होलोग्राम स्टैचू लगा था जो उसने मेरे साथ देखा था।
इस दौरान दोनों ने मिलकर प्लान किया कि नेताजी की 125 में जयंती पर कोई ऐसा काम किया जाए जो बच्चों सहित अन्य लोगों को प्रेरित करें। इस दौरान अब ने 2612 किलोमीटर की, साइकिल यात्रा की शुरुआत की। इस यात्रा में लोगों ने काफी प्यार दिया था। इसके बाद अब कारगिल जयंती दिवस पर दोबारा यात्रा करने का प्लान बनाया गया। इस यात्रा में 700 से अधिक किलोमीटर का सफर आरव तय कर चुका है। इसके बाद अब वह दिल्ली के लिए रवाना होगा। इस यात्रा को दिल्ली में नेशनल वार मोरियल हॉल में संपन्न किया जाएगा।
बता दें कि जांबाजों की भूमि कारगिल लद्दाख में स्थित है। साल 1999 में इस इलाके को रणबांकुरों ने अपने शौर्य और पराक्रम का प्रदर्शन करते हुए दुश्मन से मुक्त कराया था। यह लड़ाई उस दौरान करीब दो महीनों तक चली थी। कारगिल की पहाड़ियों को दुश्मन से मुक्त कराने के लिए सेना ने ऑपरेशन विजय चलाया था। इस युद्ध में करीब 2 लाख सैनिकों ने हिस्सा लिया था। वहीं, इस युद्ध में सेना के 527 जांबाज बलिदान हुए थे।
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