ढाकाः बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सरकारी नौकरी में आरक्षण के खिलाफ छात्रों द्वारा पिछले कुछ दिनों से विरोध प्रदर्शन चल रहा है। छात्रों का यह प्रदर्शन दिन प्रतिदिन हिंसक होता जा रहा है। बीते दिन प्रदर्शन के चलते जेल में कई कैदियों को भी छुड़वाया गया था। वहीं अब बढ़ रहे विरोध प्रदर्शन के बीच शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ने राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है। कानून व्यवस्था की चिंताजनक स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जगह-जगह सेना तैनात करने का आदेश भी दिया गया है। दरअसल, लाठी, डंडे और पत्थर लेकर सड़कों पर घूम रहे प्रदर्शनकारी छात्रों ने निजी वाहनों और बसों मे आग लगा दी।
अब तक 2500 से ज्यादा प्रदर्शनकारी जख्मी हो गए हैं, और 105 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। देश में तत्काल प्रभाव से इंटरनेट सर्विस भी बंद कर दी गई है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव अभी भी जारी है। मध्य बांग्लादेश के नरसिंगडी जिले में प्रदर्शनकारियों ने एक जेल पर धावा बोल कर कैदियों को मुक्त करा लिया और वहां आग लगा दी। इस बीच विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों से ढाका में उच्चायोग द्वारा जारी सलाह का पालन करने और उच्चायोग के संपर्क में रहने का आग्रह किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कल दिल्ली में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि बांग्लादेश में आठ हजार पांच सौ छात्रों सहित लगभग 15 हजार भारतीय नागरिक रहते हैं। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर खुद स्थिति पर नजर रख रहे हैं और ढाका में उच्चायोग वहां की स्थिति की नियमित जानकारी दे रहा है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय वहां भारतीय नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। जयसवाल ने कहा कि भारत, बांग्लादेश में चल रहे विरोध प्रदर्शन को उनके आंतरिक मामले के रूप में देखता है।
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