बेंगलुरुः कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में कुछ दिन पहले हुई 50 लाख के सोने की लूट को पुलिस ने सुलझा लिया है। इस मामले में पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दरअसल, 26 जून को 7 लुटेरों ने पिस्तौल के बल पर 32 सेकेंड में 50 लाख का सोना लूटा था। लुटेरे इतने शातिर थे कि उन्होंने पुलिस के हाथ लुटेरों का कोई सुराग नहीं लग रहा था। इसके बाद पुलिस को सीसीटीवी के जरिए ऐसा सुराग हाथ लगा कि पूरा मामला सॉल्व हो गया। वारदात का मास्टरमाइंड राजस्थान का रहने वाला नारायण लाल निकला, जो बेंगलुरु में पॉन ब्रोकर (गहने गिरवी रख लोन देना) का काम करता था। उसने कर्जा उतारने के लिए 6 साथियों को साथ मिलाया।
इसके बाद 50 लाख की लूट को अंजाम दिया। पुलिस को चकमा देने के लिए बेहतर प्लानिंग की गई। 3 लुटेरे बाइक पर आए, 4 ऑटो से आए। इस गैंग ने कोई सबूत नहीं छोड़ा। जिससे पुलिस भी हैरान थी। बाद में इस गैंग की ऐसी चूक पुलिस को दिखी, जिससे पूरा भेद खुल गया। आरोपियों ने नॉर्थ बेंगलुरु में लक्ष्मीपुरा इलाके के पदम ज्वैलर्स एंड बैंकर्स के शोरूम में वारदात को सुबह 11 बजे अंजाम दिया था। उस समय ग्राहक कम ही थे। कर्मचारी काम में लगे ही थे कि 2 नकाबपोश लुटेरे अंदर आए। हाथ में पिस्तौल लिए लुटेरों ने कर्मचारियों को धमकाया और शोरूम मालिक को गन पॉइंट पर ले लिया। जिसके बाद 32 सेकंड में सोना लेकर भाग गए।
पीसीआर मौके पर आई। बाद में बड़े अफसर जांच के लिए पहुंचे। लेकिन ऐसा कोई सबूत पुलिस को नहीं मिला, जिससे लुटेरों का पता लग सके। लुटेरे जहां से भागे, वहां के सारे कैमरे चेक किए गए। लेकिन फिर भी सबूत नहीं मिला। पुलिस शहर से निकलने के सभी रास्तों के कैमरे चेक करती है। जिसके बाद एक सुराग लगता है। एक रूट पर लुटेरे दिख जाते हैं। जिसके बाद पुलिस को पता लगता है कि 5 लोग बाहर निगरानी करते रहे, 2 ने अंदर लूट की। एक चाय की दुकान पर लूट से पहले का वीडियो पुलिस को मिला। जिसमें ये लोग चाय पीते नजर आए।
इस दौरान एक लुटेरा मोबाइल पर बात करता दिखा। बाद में उस लोकेशन का डंप डाटा पुलिस ने निकलवाया। यह नंबर राजस्थान का निकला। जिसके बाद उसकी हिस्ट्री खंगाली गई और आरोपी नारायण लाल को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। जिसके बाद आरोपी ने वारदात कबूल ली और उसके सभी साथियों को अरेस्ट किया गया। पुलिस ने आरोपियों से 470 ग्राम सोना बरामद कर लिया है। पिस्तौल भी रिकवर हो चुका है। लूट से पहले आरोपियों ने शोरूम की रेकी भी की थी। लुटेरे अगर चाय नहीं पीते दिखते तो वारदात सॉल्व करने में समय लग सकता था।
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