उत्तर प्रदेश: बुलंदशहर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक बुजुर्ग मरीज को Ambulance नहीं मिलने के कारण उसके परिजनों को उसे ठेले पर ले जाना पड़ा। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे विपक्ष ने सरकार और स्वास्थ्य मंत्री पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। फिलहाल, डीएम ने मामले की जांच करने और उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
रविवार रात को 87 वर्षीय ज्ञानचंद, जो कि एक गरीब मजदूर हैं, की कमर की हड्डी गिरने से टूट गई थी। दर्द से तड़पते हुए उनके परिजन उन्हें इलाज के लिए खुर्जा के सरकारी सूरजमल जटिया हॉस्पिटल ले गए। अस्पताल पहुंचने पर न तो एम्बुलेंस मिली और न ही स्ट्रेचर। दर्द से तड़पते हुए मरीज को केवल एक दर्द की गोली देकर उन्हें तीन दिन बाद आने को कहा गया, यह कहते हुए कि डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं।
ज्ञानचंद के परिजनों ने बताया कि उन्हें किसी प्रकार की चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिली और वे प्राइवेट अस्पताल की फीस भी नहीं भर सकते थे। ऐसे में उन्हें मजबूरन ज्ञानचंद को ठेले पर ही बिठाकर घर ले जाना पड़ा। यह दर्दनाक दृश्य देखकर स्थानीय लोग भी स्तब्ध रह गए।
जब यह वीडियो वायरल हुआ तो बुलंदशहर के डीएम ने इस मामले की जांच करने का आदेश दिया। रात लगभग 11 बजे एसडीएम खुर्जा डीएम के निर्देश पर ज्ञानचंद के घर पहुंचे और परिजनों के बयान दर्ज किए। डीएम ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि इमरजेंसी केंद्र के डॉक्टर से परिजनों ने दवाई ली थी, लेकिन आगे की जांच के बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी।
सीएमओ बुलंदशहर विनय कुमार सिंह ने भी इस मामले पर ध्यान दिया और कहा कि ऑर्थोपेडिक सर्जन और सीएमएस अनिल कुमार दो दिन की ट्रेनिंग पर बाहर हैं। इस दौरान इमरजेंसी कक्ष में स्टाफ से लापरवाही हुई है। एसडीएम और विभागीय जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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