ऊना/ सुशील पंडित : नर सेवा-नारायण सेवा की मूल अवधारणा से प्रेरित होकर अपना समस्त जीवन समाज सेवा के क्षेत्र में आहूत करने वाले बहुमूखी प्रतिभा के धनी स्वर्गीय कंवर हरिसिंह ने ताउम्र दीन-दुखियों व जरूरतमंदों की मदद के लिए कार्य किया। 27 जुलाई, 2020 को इस नश्वर संसार से विदा लेने से पूर्व तक वह लगातार समाज के जरूरतमंद तबके की मदद के लिए कार्य करते रहे। कंवर हरिसिंह ने न केवल समाज सेवा के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान दिया,बल्कि प्रदेश की कर्मचारी राजनीति में करीब 25 सालों तक उनके निभाए गए अहम रोल के लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। वह एक तेजतर्रार व प्रभावशाली कर्मचारी नेता, योग्य अधिकारी, वैटरन जर्नलिस्ट रहे, जिन्होंने अपनी हर भूमिका को बखुवी निभाया और लोगों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी।
हिमाचल सरकार में अनूसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम व महिला विकास निगम के महाप्रबंधक पद से 1998 में सेवानिवृत होने से पहले कंवर हरिसिंह ने केंद्र व प्रदेश सरकार में विभिन्न पदों पर कार्य किया। भारत सरकार के लैंड कस्टम विभाग में कस्टम अधिकारी के रूप में कैरियर की शुरूआत करने के बाद हिमाचल सरकार में एक्सटेंशन आफिसर इंडस्ट्रीज,जिला प्रबंधक व डीआरडीए के पीओ पद पर भी कार्यरत रहे। कंवर हरिसिंह लगभग अढाई दशक तक प्रदेश में अढाई लाख कर्मचारियों के मजबूत हिमाचल अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अग्रणी नेता रहे। अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश सैक्रटरी जनरल के रूप में उनकी पहचान एक जुझारू नेता की रही,जोकि कर्मचारी हितों के लिए लगातार संघर्षरत रहे। उनके नेतृत्व में प्रदेश में कर्मचारी महासंघ ने दो बड़े आंदोलन लड़े,जिसमें कर्मचारियों के लिए चिरस्थाई नीति निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। वहीं वह राज्य राजपत्रित अधिकारी संघ के भी प्रधान रहे।
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