जालंधर, ENS: बौरी मेमोरियल एजुकेशनल एंड मेडिकल ट्रस्ट द्वारा संचालित ‘दिशा-एन इनिशिएटिव’ के तत्वावधान में दसवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के लिए इनोसेंट हार्ट्स ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, लोहारां कैंपस में ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ विषय के तहत एक योग सत्र का आयोजन किया गया। जिसमें इनोसेंट हार्ट्स के टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ ने भाग लिया। इस योग सत्र में विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों ने भी भाग लिया। इस सत्र का संचालन सहायक प्रोफेसर मुस्कान गाबा और पुनीत सहजल द्वारा किया गया जो प्रमाणित योग प्रशिक्षक हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि योग एक कला है, स्वस्थ जीवन जीने का विज्ञान है। यह शरीर में संतुलन बनाए रखता है, ताकत और लचीलापन लाता है। उन्होंने भुजंग आसन, वीरभद्र आसन, मारकत आसन और सूर्य नमस्कार जैसे विभिन्न आसन करने की उचित तकनीक सिखाई। फिर उन्होंने श्वास प्राणायाम पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने सभी को प्राणायाम ‘अनुलोम-विलोम और कपालभाति’ करके दिखाया और कराया। सुश्री पुनीत सहजल ने प्रत्येक आसन और प्राणायाम के लाभों के बारे में बताया। उन्होंने सभी को फिट रहने के लिए प्रेरित किया।
इनोसेंट हार्ट्स कॉलेज ऑफ एजुकेशन के रेड रिबन क्लब ने “एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को शामिल करते हुए जीवन जीने की कला, जिसे भारतीय राज्यों में लगातार कायम रखा जा रहा है, विषय पर एक नाटक प्रस्तुत किया।” नाटक में दिखाया गया कि कैसे योग, प्राणायाम और ध्यान नशे की लत वाले व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
इनोसेंट हार्ट्स ग्रुप के चेयरमैन डॉ. अनूप बौरी ने कहा कि अच्छा स्वास्थ्य हर किसी की प्राथमिकता होनी चाहिए। इसलिए हर किसी को फिट रहने के लिए कुछ न कुछ व्यायाम जरूर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि योग विज्ञान एक आध्यात्मिक अनुशासन है जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य लाने में मदद करता है।
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